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Friday, January 14, 2011

सौरव दादा को समर्पित

आई पी एल-4 (IPL) में सौरव दा का कोई भी खरीददार नहीं
जो कर सके दादा की कद्र, ऐसा कोई भी दुकानदार नहीं
जिसकी कप्तानी ने भारतीय क्रिकेट को दी एक नयी पहचान
और विश्व भर में भारतीय क्रिकेट ने एक भरी ऊँची उड़ान
जिस दादा ने lords के मैदान में अपनी टी-शर्ट लहराई थी
जिसकी कप्तानी में ऑस्ट्रलिया ने भी मुंह की खायी थी
उसी दादा को आज ये क्रिकेट किस मोड़ पे ले आया है
आज तो अपनों से ही बंगाली टाईगर ने धोखा खाया है
बंगाली शेर के मुंह में जो ड़ाल सके, ऐसा कोई भी हाथ नहीं
सच तो ये है, दादा को खरीदने की किसी में भी औकात नहीं.

Saturday, January 1, 2011

नये साल का नया सवेरा लेकर आये एक नयी उमंग
नये साल की नयी किरणें बरसाये खुशियों के रंग
नववर्ष की महक से महक उठे आपका तन-मन
धन की देवी लक्ष्मी पूरे वर्ष बरसाए आप पर धन
खुशियों की ना कोई कमी हो, मिले कभी ना कोई गम
आओ इस नववर्ष के आगमन पर उल्लासित हो जाये हम
पर इस नववर्ष की मंगल बेला पर रहे ध्यान जरा इतना 
झूमे मस्ती में उतना ही, अधिकार हमारा है जितना
हमारी ख़ुशी के इजहार में, कोई परेशान ना हो जाये
हम मस्ती में झूमते रहे, और वो गम में ना खो जाये,
तो ले संकल्प इस नववर्ष और दे समाज को यह सन्देश
प्रेम-भाव हो जन-जन में, तभी बढेगा ये भारत देश.